दुनिया भर में हर्बल चिकित्सा में रुचि फिर से बढ़ रही है। लहसुन एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही अपने औषधीय लाभों के लिए किया जाता रहा है। यह दाद, खाज, और खुजली जैसे संक्रमणों सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए अपने गुणों के लिए जाना जाता है। लहसुन ऐसे त्वचा संबंधी संक्रमणों के खिलाफ उपलब्ध एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार है। अनुसंधान ने साबित कर दिया है कि लहसुन ऐसे संक्रमणों के इलाज में एक मानक दवा की तुलना में समान रूप से प्रभावी है। इस लेख में हम देखेंगे कि लहसुन से दाद, खाज, खुजली कैसे ठीक करें?
आइए सबसे पहले जानते हैं कि दाद और खुजली क्या है?
इनके होने के कारण और लक्षण क्या हैं और लहसुन से इनका इलाज कैसे किया जा सकता है?
यह भी पढ़ें: पुरुषों के लिए कच्चे लहसुन खाने का लाभ – जड़ से मिटेंगी ये बीमारियाँ
दाद, खाज, और खुजली क्या है?
दाद खाज त्वचा का एक संक्रामक फंगल रोग है।
यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है।
किसी संक्रामक जानवर को छूने या सहलाने से भी यह संक्रमण इंसानों में फैल सकता है।
अगर संक्रमण का समय पर इलाज न किया जाए तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाता है और गंभीर रूप भी ले सकता है।
ये त्वचा की सतह पर होने वाला एक फफूंद है जो नमी और गर्मी वाले माहौल में पैदा हो जाता है।
बरसात के मौसम में जब नमी ज़्यादा होती है तो ये फफूंद पैदा हो जाता है।
ये शरीर के किसी भी भाग जैसे हथेली, पैरों के तलुए, बालों के नीचे खोपड़ी में, नाखून, हाथों या जाँघों की बगलों में, कमर, या जहाँ ज़्यादा पसीना आता है और सूख नहीं पाता है, वहां हो जाता है।
इसके कारण त्वचा में लाल चकत्ते से हो जाते हैं जो अत्यधिक खुजली और जलन पैदा कर देते हैं।
यह व्यक्ति के लिए बेहद कष्टकारी होता है।
Image courtesy: Wikimedia.org
दाद, खाज, खुजली के सामान्य लक्षण
दाद एक फंगल संक्रमण है. इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं:
- खुजली – दाद के स्थान पर अत्यधिक खुजली होना।
- लाल चकत्ते और सूजन – त्वचा पर लाल गोल चकत्ते और सूजन हो जाती है।
- छाले – त्वचा पर संक्रमण के कारण छोटे-छोटे दाने उभरना जो छाले या फफोलों का रूप ले लेते हैं।
- दर्द – प्रभावित क्षेत्र में दर्द भी होता है।
ऊपर बताए गए लक्षण सामान्य हैं; शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दाद और खुजली के लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं।
संक्रामक रोग के पीछे के कारण
1.) गर्म और नमी वाला वातावरण
गर्म और नमी वाला वातावरण दाद के फंगल संक्रमण और खुजली के लिए जिम्मेदार है।
जब त्वचा में पसीना और पानी नहीं सूखता तो खुजली होने लगती है जो दाद में बदल जाती है।
2.) किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
यह फंगल संक्रमण संक्रामक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
ये त्वचा से त्वचा में फैलने वाली बीमारी है।
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति या उसकी वस्तुओं को छूते हैं तो आपको भी यह संक्रमण हो सकता है।
Image courtesy: ndla.no
3.) कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो कोई भी संक्रमण आपको आसानी से अपनी चपेट में ले लेगा।
इसलिए जरूरी है कि अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए जीवनशैली की आदतों में बदलाव किया जाए।
4.) असुविधाजनक और सिंथेटिक कपड़े पहनना
सिंथेटिक कपड़े को त्वचा के अनुकूल नहीं माना जाता है।
ऐसे कपड़े नमी को सोखते नहीं हैं जिससे फंगल संक्रमण पनपने और बढ़ने के लिए अनुकूल वातावरण बनता है।
इसी तरह, असुविधाजनक कपड़े पहनना जैसे कि बहुत अधिक तंग कपड़े भी संक्रमण के लिए अनुकूल वातावरण हो सकते हैं क्योंकि उनमें हवा नहीं जा सकती।
5.) उचित स्वच्छता का ध्यान न रखना
दाद, खाज और खुजली का एक कारण साफ-सफाई का ध्यान न रखना भी है।
नहाने के बाद अपने शरीर को अच्छी तरह से न धोना और न सुखाना फंगल संक्रमण के लिए वातावरण बना सकता है।
वही गंदे या पसीने वाले कपड़े पहनने से भी दाद और खुजली की समस्या बढ़ जाती है।
अपनी चीजें जैसे तौलिये, खेल का सामान और गंदे कपड़े साझा करने से भी फंगल संक्रमण हो सकता है।
ऐसे जूते और मोज़े पहनने से जिनमें हवा ठीक से नहीं जाती, दाद के बढ़ने का कारण बनते हैं।
लहसुन से दाद खाज खुजली कैसे ठीक करें?
माना जाता है कि लहसुन फंगल संक्रमण के इलाज में बहुत प्रभावी है।
आइये देखते हैं कि लहसुन से हम दाद, खाज, खुजली का इलाज कैसे कर सकते हैं।
लहसुन में शक्तिशाली औषधीय गुण होते हैं।
इसमें रोगाणुरोधी, एंटीपैरासिटिक, जीवाणुरोधी, एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
लहसुन में विटामिन सी, विटामिन बी6, मैंगनीज और सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है।
वे प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करते हैं और शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
यह भी पढ़ें: Kashmiri Garlic Benefits: Storehouse of Health
1.) दाद, खाज और खुजली के लिए लहसुन का पेस्ट
लहसुन का पेस्ट दाद खाज के इलाज में कारगर है।
लहसुन की दो-तीन कलियाँ छीलकर चटनी जैसा पेस्ट बना लें।
पेस्ट में जैतुन या नारियल तेल की कुछ बूंदें डालें।
अब प्रभावित हिस्से को अच्छी तरह साफ करके इस पेस्ट को लगाएं।
पेस्ट को प्रभावित जगह पर कम से कम एक या डेढ़ घंटे के लिए छोड़ दें।
इस प्रयोग से 3-4 दिन में आराम मिल जाएगा।
इसके सल्फर तत्व, एलिसिन और आर्गेनो सल्फर के एंटी-फंगल गुण कुछ ही दिनों में दाद को ठीक कर देंगे।
2.) कच्चे लहसुन का पेस्ट
कच्चे लहसुन की 2-3 कलियाँ छीलकर बारीक पेस्ट बना लें।
प्रभावित हिस्से को अच्छे से साफ करें और पेस्ट लगाएं।
कुछ देर बाद उस हिस्से को साफ कर लें।
प्रभावित हिस्से को हर समय साफ और सूखा रखें।
याद रखें, कच्चा लहसुन बहुत तेज़ होता है और संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को जलन पैदा कर सकता है।
कच्चे लहसुन को त्वचा पर सीधे लगाने से पहले हमेशा पैच पेस्ट करें।
3.) दाद, खाज, खुजली के लिए लहसुन और सरसों का तेल
कच्चे लहसुन की 2-3 कलियाँ बारीक काट लें और उन्हें सरसों के तेल में अच्छी तरह भून जाने तक पका लें।
इस घोल को गुनगुना होने तक ठंडा होने दें.
अब इस गुनगुने पेस्ट को प्रभावित जगह पर दिन में कम से कम 2-3 बार लगाएं। आपको जल्द ही राहत मिलेगी.
दाद खाज के लिए आप दिन में 2-3 बार लहसुन का तेल भी प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।
4.) लहसुन और प्याज का पेस्ट
लहसुन और प्याज दोनों में सल्फर की उच्च मात्रा होती है जो फंगल या माइक्रोबियल संक्रमण के इलाज में फायदेमंद है।
इन दोनों का पेस्ट बनाकर आप रोगाणुरोधी और एंटी-फंगल लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
लहसुन और प्याज दोनों को बारीक पीसकर पेस्ट बना लें.
इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
प्राकृतिक सल्फर का लाभ पाने के लिए आप पेस्ट को हर 3 से 4 घंटे में एक बार दोहरा सकते हैं और धो सकते हैं।
प्रभावित जगह को साफ और खुला रखें क्योंकि अधिक नमी से फंगल की समस्या बढ़ सकती है।
5.) लहसुन और लौंग का पेस्ट
लहसुन की कलियों को लौंग के साथ पीस कर संक्रमित भाग पर लगायें।
पेस्ट को 15-20 मिनट तक रखें.
फिर उस हिस्से को पानी से धोकर साफ तौलिये से सुखा लें।
6.) लहसुन की दो कलियाँ
आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लहसुन की दो कलियों का सेवन कर सकते हैं।
यह शरीर को अंदर से डिटॉक्सिफाई करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करेगा।
लहसुन के अन्य प्राकृतिक विकल्प
जिन लोगों को लहसुन से एलर्जी है, वे दाद, खाज, खुजली के इलाज के लिए निम्नलिखित हर्बल उपचार आजमा सकते हैं।
- हल्दी अपने एंटीसेप्टिक, रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी लाभों के लिए जानी जाती है। हल्दी का गाढ़ा पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर दिन में 2-3 बार लगाएं। जब पेस्ट सूख जाए तो उस पर और पेस्ट लगाएं।
- गेंदे के फूल की पत्तियों से भी दाद, खाज, खुजली में आराम मिलता है। इसका पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाएं।
- नीम अपने रोगाणुरोधी गुणों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह फंगल संक्रमण के खिलाफ बहुत प्रभावी है। नीम की पत्तियों को साफ कर लें और थोड़ा सा पानी डालकर पेस्ट बना लें। इस नीम के पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
- एलोवेरा और नारियल तेल का मिश्रण त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हुआ है। यह मिश्रण दाद के इलाज के लिए भी उपयोगी है। ताजे एलोवेरा का जेल निकाल लें और इसे नारियल के तेल में अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाएं।
- मिट्टी के तेल को रुई के फाहे में भीगोकर दाद पर लगायें। इससे थोड़ा दर्द हो सकता है लेकिन 3-4 दिन में आराम मिल जाएगा।
टेकअवे संदेश
लहसुन को इसके चिकित्सीय लाभों के लिए सदियों से सराहा जाता रहा है।
इसके लाभकारी तत्व इसके शक्तिशाली रोगाणुरोधी, एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी, एंटीफंगल, एंटीऑक्सिडेंट और सूजन-रोधी गुणों के लिए जिम्मेदार हैं।
अधिकतर लहसुन आधारित घोल दाद, खाज, खुजली के खिलाफ प्रभावी उपचार हैं।
फिर भी, किसी को केवल हर्बल उपचार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और संक्रमण की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।
यदि संक्रमण 2 सप्ताह से अधिक समय तक बना रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है।
साथ ही, लहसुन हर किसी के लिए उपयुक्त उपाय नहीं हो सकता है।
यदि आपको लहसुन से एलर्जी है, तो आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से उपयोग करने से बचें।
इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्र पर लहसुन आधारित पेस्ट लगाने से पहले हमेशा पैच टेस्ट करें।
अगर आपको पेस्ट से कोई असुविधा महसूस हो तो इसे तुरंत धो लें और डॉक्टर से सलाह लें।
लहसुन से दाद खाज खुजली कैसे ठीक करें इसके लिए उपाय ऊपर दिए गए हैं। कमेंट करके बताएं कि आपको कौन सा उपचार फायदेमंद लगा।
डिसक्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचारों को किसी चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने इलाज करने वाले चिकित्सक से परामर्श लें।
गजब का आलेख। बहुत महत्वपूर्ण। अद्भूत। बधाई
Thanks a lot for your comments.